मेष राशि साढ़े साती: 2025 से 2116 | आरंभ और समाप्ति तिथि

ज्योतिष के अनुसार जब शनि देव किसी भी राशि के चंद्रमा से 12वें, 1वें और 2वें भाव में गोचर करते हैं, तो यह समय “साढ़े साती” कहलाता है। साढ़े साती कुल 7 साल 6 महीने (ढाई साल × 3 चरण) का होता है। मेष राशि वालों के लिए यह काल थोड़ा कठिन माना जाता है क्योंकि मेष का स्वामी मंगल होता है, जो तेज, उत्साही, युवा और आवेगी ग्रह है, जबकि शनि धीमा, संयमी, वृद्ध और अनुशासन प्रिय ग्रह है। इन दोनों ग्रहों की प्रकृति एक-दूसरे से बिलकुल विपरीत होती है, जिससे यह समय कुछ चुनौतियां लेकर आता है।

इस लेख में हम मेष राशि पर साढ़े साती के तीनों चरणों को सरल भाषा में समझेंगे – कौन कौन सी चुनौतियां सामने आ सकती है, क्या क्या सावधानियां रखनी चाहिए।

मेष राशि साढ़े साती 2025 वर्तमान स्थिति

30 मार्च 2025 को शनि मीन राशि में गोचर करेगा, तबसे मेष राशि के लिए शनि की साढ़े साती प्रारंभ होगी तथा 30 मई 2032 को समाप्त होगी। ढाई साल के लिए शनि की स्थिति मेष राशि वालों के लिए शुभ रहेगी। जिससे धन और करियर में उन्नति होगी, स्वास्थ में लाभ होगा और जीवन की सभी बाधाएं दूर होगी। जातक को शनि को खुश करने के उपाय करना चाहिए।

राशि: मेष राशि साढ़े साती 2025 से 2116

नोट: तीसरे कॉलम में शनि राशि की स्थिति को बताया गया है, जो शनि साढ़े साती के समय रहेगी।

क्रम संख्यासाढे साती/ पनौतीशनि राशिआरंभ तिथिसमाप्ति तिथिचरण
1साढ़े सातीमेषशनिवार, अप्रैल 18, 1998मंगलवार, जून 6, 2000शिखर
2साढ़े सातीवृषबुधवार, जून 7, 2000सोमवार, जुलाई 22, 2002अस्त
3साढ़े सातीवृषगुरुवार, जनवरी 9, 2003सोमवार, अप्रैल 7, 2003अस्त
4छोटी पनौतीकर्कसोमवार, सितम्बर 6, 2004गुरुवार, जनवरी 13, 2005
5छोटी पनौतीकर्कगुरुवार, मई 26, 2005मंगलवार, अक्टूबर 31, 2006
6छोटी पनौतीकर्कगुरुवार, जनवरी 11, 2007रविवार, जुलाई 15, 2007
7छोटी पनौतीवृश्चिकसोमवार, नवम्बर 3, 2014गुरुवार, जनवरी 26, 2017
8छोटी पनौतीवृश्चिकबुधवार, जून 21, 2017गुरुवार, अक्टूबर 26, 2017
9साढ़े सातीमीनरविवार, मार्च 30, 2025बुधवार, जून 2, 2027उदय
10साढ़े सातीमेषगुरुवार, जून 3, 2027मंगलवार, अक्टूबर 19, 2027शिखर
11साढ़े सातीमीनबुधवार, अक्टूबर 20, 2027बुधवार, फ़रवरी 23, 2028उदय
12साढ़े सातीमेषगुरुवार, फ़रवरी 24, 2028मंगलवार, अगस्त 7, 2029शिखर
13साढ़े सातीवृषबुधवार, अगस्त 8, 2029शुक्रवार, अक्टूबर 5, 2029अस्त
14साढ़े सातीमेषशनिवार, अक्टूबर 6, 2029मंगलवार, अप्रैल 16, 2030शिखर
15साढ़े सातीवृषबुधवार, अप्रैल 17, 2030रविवार, मई 30, 2032अस्त
16छोटी पनौतीकर्कगुरुवार, जुलाई 13, 2034बुधवार, अगस्त 27, 2036
17छोटी पनौतीवृश्चिकशनिवार, दिसम्बर 12, 2043बुधवार, जून 22, 2044
18छोटी पनौतीवृश्चिकमंगलवार, अगस्त 30, 2044शुक्रवार, दिसम्बर 7, 2046
19साढ़े सातीमीनशुक्रवार, मई 15, 2054मंगलवार, सितम्बर 1, 2054उदय
20साढ़े सातीमीनशनिवार, फ़रवरी 6, 2055शुक्रवार, अप्रैल 6, 2057उदय
21साढ़े सातीमेषशनिवार, अप्रैल 7, 2057मंगलवार, मई 27, 2059शिखर
22साढ़े सातीवृषबुधवार, मई 28, 2059रविवार, जुलाई 10, 2061अस्त
23साढ़े सातीवृषमंगलवार, फ़रवरी 14, 2062सोमवार, मार्च 6, 2062अस्त
24छोटी पनौतीकर्कशुक्रवार, अगस्त 24, 2063मंगलवार, फ़रवरी 5, 2064
25छोटी पनौतीकर्कशनिवार, मई 10, 2064सोमवार, अक्टूबर 12, 2065
26छोटी पनौतीकर्कगुरुवार, फ़रवरी 4, 2066शुक्रवार, जुलाई 2, 2066
27छोटी पनौतीवृश्चिकसोमवार, फ़रवरी 6, 2073गुरुवार, मार्च 30, 2073
28छोटी पनौतीवृश्चिकमंगलवार, अक्टूबर 24, 2073गुरुवार, जनवरी 16, 2076
29छोटी पनौतीवृश्चिकशनिवार, जुलाई 11, 2076रविवार, अक्टूबर 11, 2076
30साढ़े सातीमीनसोमवार, मार्च 20, 2084मंगलवार, मई 21, 2086उदय
31साढ़े सातीमेषबुधवार, मई 22, 2086शनिवार, नवम्बर 9, 2086शिखर
32साढ़े सातीमीनरविवार, नवम्बर 10, 2086शुक्रवार, फ़रवरी 7, 2087उदय
33साढ़े सातीमेषशनिवार, फ़रवरी 8, 2087शनिवार, जुलाई 17, 2088शिखर
34साढ़े सातीवृषरविवार, जुलाई 18, 2088शनिवार, अक्टूबर 30, 2088अस्त
35साढ़े सातीमेषरविवार, अक्टूबर 31, 2088मंगलवार, अप्रैल 5, 2089शिखर
36साढ़े सातीवृषबुधवार, अप्रैल 6, 2089सोमवार, सितम्बर 18, 2090अस्त
37साढ़े सातीवृषबुधवार, अक्टूबर 25, 2090रविवार, मई 20, 2091अस्त
38छोटी पनौतीकर्कशुक्रवार, जुलाई 3, 2093गुरुवार, अगस्त 18, 2095
39छोटी पनौतीवृश्चिकरविवार, दिसम्बर 3, 2102रविवार, नवम्बर 29, 2105
40साढ़े सातीमीनबुधवार, मई 3, 2113गुरुवार, सितम्बर 21, 2113उदय
41साढ़े सातीमीनशुक्रवार, जनवरी 26, 2114रविवार, मार्च 29, 2116उदय
42साढ़े सातीमेषसोमवार, मार्च 30, 2116बुधवार, मई 18, 2118शिखर

साढ़े साती का पहला चरण – उदय चरण

इस चरण में शनि आपकी चंद्र राशि से 12वें भाव में मीन राशि में गोचर करेगा। यह साढ़े साती का आरम्भिक चरण होता है जिसे उदय चरण भी कहते है। इस समय आपको अनावश्यक यात्राएं करनी पड़ सकती हैं, आर्थिक नुकसान और गुप्त शत्रुओं से परेशानी हो सकती है। परिवार और कार्यस्थल दोनों जगह तनाव की स्थिति बन सकती है। इस काल में आपको तनाव, डिप्रेशन, क्रोध जैसी मानसिक स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। इस ढाई साल में कभी कभी स्वस्थ संबंधी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। मीन राशि का स्वामी बृहस्पति होते है जो शनि के प्रति न्यूट्रल होते है, जिससे मेष राशि के लिए साढ़े साती का पहला चरण औसत साबित होता है।

क्या करें:

  • खर्चों पर नियंत्रण रखें।
  • जोखिम भरे निर्णयों से बचें।
  • मेहनत को अपना हथियार बनाएं।
  • धैर्य रखे और सही समय का इंतजार करे।
  • खाद्य पदार्थ का दान करे।

साढ़े साती का दूसरा चरण – शिखर चरण

जब शनि आपकी चंद्र राशि (पहले भाव) में गोचर करता है तो साढ़े साती का दूसरा चरण प्रारंभ होता है जिसे शिखर चरण भी कहते है। यह सबसे कठिन चरण होता है क्योंकि शनि अब आपकी जन्म राशि (मेष) में गोचर करता है। इस समय मानसिक तनाव, अवसाद, आत्मविश्वास में कमी और सेहत संबंधी परेशानियाँ सामने आती हैं। जातक को वैवाहिक जीवन या रिलेशन को बचाने के लिए भी संघर्ष करना पड़ सकता है। इस दौरान जातक पर ईर्ष्या, क्रोध जैसी भावनाएं हावी रहती है, आपका चरित्र धूमिल हो सकता है। इस चरण में शनि जन्म के चंद्रमा के साथ होता है, जो स्वास्थ और घरेलू समस्याओं को जन्म देता है। इस दौरान आपको कड़ी मेहनत का फल नहीं मिलेगा, दैनिक आय में कमी आ सकती है।

क्या करें:

  • मानसिक शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए नियमित योग और ध्यान करें।
  • स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें और व्यायाम अवश्य करे।
  • दूसरों की बातों से जल्दी आवेशित न हों।
  • इस समय धैर्य रखे और संतोषपूर्वक स्थिति को समझने की कोशिश करे।
  • शनि मंत्र का जाप या शनिवार को दान करें।
  • अपने रिलेशन के प्रति ज्यादा सचेत रहे और किसी भी गलतफहमी को बात कर सुलझाए।

साढ़े साती का तीसरा चरण – अस्त चरण

यह साढ़े साती का अंतिम चरण होगा जिससे इसे अस्त चरण भी कहते है। इस चरण में शनि जन्म के चंद्र से दूसरे भाव में यानी वृषभ राशि में गोचर करेगा, इस दौरान कुछ राहत जरूर मिलेगी क्योंकि वृषभ के स्वामी शुक्र है जो शनि के मित्र हैं, जिससे ऊर्जा थोड़ी संतुलित होती है। लेकिन खर्च बढ़ सकते हैं और पारिवारिक मतभेद या गलतफहमियाँ बनी रहेंगी। यह काल खंड खतरे को भी दर्शाता है इसलिए गाड़ी चलाते वक्त विशेष सावधानी रखने की जरूरत है। इस काल में अचानक वित्तीय हानि का सामना करना पड़ सकता है। विद्यार्थियों के लिए यह नकारात्मक प्रभाव डालेगा इसलिए विद्यार्थी को थोड़े और परिश्रम करना चाहिए, ताकि वो अपनी पिछली स्थिति बनाए रख सके।

क्या करें:

  • अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें।
  • फिजूल खर्च से बचें।
  • मन और स्वभाव को शांत रखने के लिए योग और ध्यान करे।
  • अपने परिवार और रिश्तों में समरसता और स्पष्टता बनाए रखें।
  • वाहन सावधानी से चलाएं और जोखिम से बचें।
  • मांस मदिरा के सेवन से बचे।
  • शनि को प्रसन्न करने के उपाय करे।

मेष राशि साढ़े साती के लिए शुभ उपाय:

  • शनिवार को काली उड़द, तिल या लोहे से बनी वस्तु का दान करें।
  • प्रतिदिन शनि मंत्र “ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः” का जप करे।
  • हनुमान चालीसा के साथ बजरंग बाण का पाठ करें, क्योंकि मंगल हनुमान जी के कारक हैं।
  • शनिदेव के मंदिर जाकर दीपक जलाएं।
  • 14 मुखी रुद्राक्ष धारण करे।
  • शनि रत्न नीलम को अंगूठी में धारण करे।
  • कौवों और गयो को भोजन खिलाए।
  • मांसाहार और नशे से दूर रहें।

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