सिंह राशि साढ़े साती: 2025 से 2116 | आरंभ और समाप्ति तिथि

ज्योतिष के अनुसार जब शनि देव किसी भी राशि के चंद्रमा से 12वें, 1वें और 2वें भाव में गोचर करते हैं, तो यह समय “साढ़े साती” कहलाता है। साढ़े साती कुल 7 साल 6 महीने (ढाई साल × 3 चरण) का होता है। सिंह राशि वालों के लिए यह काल बहुत कठिन माना जाता है क्योंकि सिंह राशि का स्वामी सूर्य होता है, जो नौ ग्रहों के राजा के रूप में जाना जाता है। सूर्य अग्नि तत्व की राशि है तथा शनि वायु तत्व की राशि है जो एक दूसरे के शत्रु होते है। इन दोनों ग्रहों की प्रकृति एक-दूसरे से बिलकुल विपरीत होती है, जिससे यह समय कुछ चुनौतियां लेकर आता है।

इस लेख में हम सिंह राशि पर साढ़े साती के तीनों चरणों को सरल भाषा में समझेंगे – कौन कौन सी चुनौतियां सामने आ सकती है, क्या क्या सावधानियां रखनी चाहिए।

सिंह राशि साढ़े साती 2025 वर्तमान स्थिति

30 मार्च 2025 को शनि मीन राशि में गोचर करेगा, तबसे सिंह राशि के लिए शनि की छोटी साढ़े साती (पनौती) प्रारंभ होगी तथा 02 जून 2027 को समाप्त होगी। ढाई साल के लिए सिंह राशि पर छोटी साढ़े साती का प्रकोप रहेगा। जातक को शनि को खुश करने के उपाय करना चाहिए।

राशि: सिंह राशि साढ़े साती 2025 से 2116

नोट: तीसरे कॉलम में शनि राशि की स्थिति को बताया गया है, जो शनि साढ़े साती के समय रहेगी।

क्रम संख्यासाढे साती/ पनौतीशनि राशिआरंभ तिथिसमाप्ति तिथिचरण
1साढ़े सातीकर्कसोमवार, सितम्बर 6, 2004गुरुवार, जनवरी 13, 2005उदय
2साढ़े सातीकर्कगुरुवार, मई 26, 2005मंगलवार, अक्टूबर 31, 2006उदय
3साढ़े सातीसिंहबुधवार, नवम्बर 1, 2006बुधवार, जनवरी 10, 2007शिखर
4साढ़े सातीकर्कगुरुवार, जनवरी 11, 2007रविवार, जुलाई 15, 2007उदय
5साढ़े सातीसिंहसोमवार, जुलाई 16, 2007बुधवार, सितम्बर 9, 2009शिखर
6साढ़े सातीकन्यागुरुवार, सितम्बर 10, 2009सोमवार, नवम्बर 14, 2011अस्त
7साढ़े सातीकन्याबुधवार, मई 16, 2012शुक्रवार, अगस्त 3, 2012अस्त
8छोटी पनौतीवृश्चिकसोमवार, नवम्बर 3, 2014गुरुवार, जनवरी 26, 2017
9छोटी पनौतीवृश्चिकबुधवार, जून 21, 2017गुरुवार, अक्टूबर 26, 2017
10छोटी पनौतीमीनरविवार, मार्च 30, 2025बुधवार, जून 2, 2027
11छोटी पनौतीमीनबुधवार, अक्टूबर 20, 2027बुधवार, फ़रवरी 23, 2028
12साढ़े सातीकर्कगुरुवार, जुलाई 13, 2034बुधवार, अगस्त 27, 2036उदय
13साढ़े सातीसिंहगुरुवार, अगस्त 28, 2036शुक्रवार, अक्टूबर 22, 2038शिखर
14साढ़े सातीकन्याशनिवार, अक्टूबर 23, 2038मंगलवार, अप्रैल 5, 2039अस्त
15साढ़े सातीसिंहबुधवार, अप्रैल 6, 2039मंगलवार, जुलाई 12, 2039शिखर
16साढ़े सातीकन्याबुधवार, जुलाई 13, 2039रविवार, जनवरी 27, 2041अस्त
17साढ़े सातीकन्याबुधवार, फ़रवरी 6, 2041बुधवार, सितम्बर 25, 2041अस्त
18छोटी पनौतीवृश्चिकशनिवार, दिसम्बर 12, 2043बुधवार, जून 22, 2044
19छोटी पनौतीवृश्चिकमंगलवार, अगस्त 30, 2044शुक्रवार, दिसम्बर 7, 2046
20छोटी पनौतीमीनशुक्रवार, मई 15, 2054मंगलवार, सितम्बर 1, 2054
21छोटी पनौतीमीनशनिवार, फ़रवरी 6, 2055शुक्रवार, अप्रैल 6, 2057
22साढ़े सातीकर्कशुक्रवार, अगस्त 24, 2063मंगलवार, फ़रवरी 5, 2064उदय
23साढ़े सातीकर्कशनिवार, मई 10, 2064सोमवार, अक्टूबर 12, 2065उदय
24साढ़े सातीसिंहमंगलवार, अक्टूबर 13, 2065बुधवार, फ़रवरी 3, 2066शिखर
25साढ़े सातीकर्कगुरुवार, फ़रवरी 4, 2066शुक्रवार, जुलाई 2, 2066उदय
26साढ़े सातीसिंहशनिवार, जुलाई 3, 2066बुधवार, अगस्त 29, 2068शिखर
27साढ़े सातीकन्यागुरुवार, अगस्त 30, 2068मंगलवार, नवम्बर 4, 2070अस्त
28छोटी पनौतीवृश्चिकसोमवार, फ़रवरी 6, 2073गुरुवार, मार्च 30, 2073
29छोटी पनौतीवृश्चिकमंगलवार, अक्टूबर 24, 2073गुरुवार, जनवरी 16, 2076
30छोटी पनौतीवृश्चिकशनिवार, जुलाई 11, 2076रविवार, अक्टूबर 11, 2076
31छोटी पनौतीमीनसोमवार, मार्च 20, 2084मंगलवार, मई 21, 2086
32छोटी पनौतीमीनरविवार, नवम्बर 10, 2086शुक्रवार, फ़रवरी 7, 2087
33साढ़े सातीकर्कशुक्रवार, जुलाई 3, 2093गुरुवार, अगस्त 18, 2095उदय
34साढ़े सातीसिंहशुक्रवार, अगस्त 19, 2095शुक्रवार, अक्टूबर 11, 2097शिखर
35साढ़े सातीकन्याशनिवार, अक्टूबर 12, 2097शुक्रवार, मई 2, 2098अस्त
36साढ़े सातीसिंहशनिवार, मई 3, 2098गुरुवार, जून 19, 2098शिखर
37साढ़े सातीकन्याशुक्रवार, जून 20, 2098शुक्रवार, दिसम्बर 25, 2099अस्त
38साढ़े सातीकन्यागुरुवार, मार्च 18, 2100गुरुवार, सितम्बर 16, 2100अस्त
39छोटी पनौतीवृश्चिकरविवार, दिसम्बर 3, 2102रविवार, नवम्बर 29, 2105
40छोटी पनौतीमीनबुधवार, मई 3, 2113गुरुवार, सितम्बर 21, 2113
41छोटी पनौतीमीनशुक्रवार, जनवरी 26, 2114रविवार, मार्च 29, 2116

साढ़े साती का पहला चरण – उदय चरण

इस चरण में शनि आपकी चंद्र राशि से 12वें भाव में कर्क राशि में गोचर करेगा। यह साढ़े साती का आरम्भिक चरण होता है जिसे उदय चरण भी कहते है। इस समय आपको अनावश्यक यात्राएं करनी पड़ सकती हैं, आर्थिक नुकसान और गुप्त शत्रुओं से परेशानी हो सकती है। परिवार और कार्यस्थल दोनों जगह तनाव की स्थिति बन सकती है। इस काल में आपको तनाव, डिप्रेशन, क्रोध जैसी मानसिक स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। इस ढाई साल में कभी कभी स्वास्थ संबंधी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। आपके कार्य में अड़चनें आएंगी और विलंब होगा लेकिन कार्य अवश्य पूरा होगा। आपको धैर्य बनाए रखने की आवश्यकता होगी। जब शनि कर्क राशि में गोचर करता है तो ‘विष योग’ बनता है, जो सिंह राशि पर विष की तरह प्रभाव करता है और साढ़े साती का पहला चरण कठिन साबित होता है।

क्या करें:

  • खर्चों पर नियंत्रण रखें।
  • जोखिम भरे निर्णयों से बचें।
  • मेहनत को अपना हथियार बनाएं।
  • धैर्य रखे और सही समय का इंतजार करे।
  • खाद्य पदार्थ का दान करे।
  • व्यवसाय में कोई भी बड़ा खतरा न मोल ले।

साढ़े साती का दूसरा चरण – शिखर चरण

जब शनि आपकी चंद्र राशि (पहले भाव) में गोचर करता है तो साढ़े साती का दूसरा चरण प्रारंभ होता है जिसे शिखर चरण भी कहते है। यह सबसे कठिन चरण होता है क्योंकि शनि अब आपकी जन्म राशि (सिंह) में गोचर करता है, जो इसका शत्रु भी है। इस समय मानसिक तनाव, अवसाद, आत्मविश्वास में कमी और सेहत संबंधी परेशानियाँ सामने आती हैं। जातक को वैवाहिक जीवन या रिलेशन को बचाने के लिए भी संघर्ष करना पड़ सकता है। इस दौरान जातक पर ईर्ष्या, क्रोध जैसी भावनाएं हावी रहती है, आपका चरित्र धूमिल हो सकता है। इस चरण में शनि जन्म के चंद्रमा के साथ होता है, जो स्वास्थ जैसे पेट, हृदय जुड़ी समस्याएं और घरेलू समस्याओं को जन्म देता है। इस दौरान आपको कड़ी मेहनत का फल नहीं मिलेगा, जिससे आत्मविश्वास में कमी, दैनिक आय में कमी आ सकती है।

क्या करें:

  • मानसिक शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए नियमित योग और ध्यान करें।
  • स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें और व्यायाम अवश्य करे।
  • दूसरों की बातों से जल्दी आवेशित न हों।
  • इस समय धैर्य रखे और संतोषपूर्वक स्थिति को समझने की कोशिश करे।
  • शनि मंत्र का जाप या शनिवार को दान करें।
  • अपने रिलेशन के प्रति ज्यादा सचेत रहे और किसी भी गलतफहमी को बात कर सुलझाए।

साढ़े साती का तीसरा चरण – अस्त चरण

यह साढ़े साती का अंतिम चरण होगा जिससे इसे अस्त चरण भी कहते है। इस चरण में शनि जन्म के चंद्र से दूसरे भाव में यानी कन्या राशि में गोचर करेगा, इस दौरान कुछ राहत जरूर महसूस होगा लेकिन वित्तीय मोर्चे पर दस्तक देंगी और खर्च बढ़ सकते हैं और पारिवारिक मतभेद या गलतफहमियाँ बनी रहेंगी। यह काल खंड खतरे को भी दर्शाता है इसलिए गाड़ी चलाते वक्त विशेष सावधानी रखने की जरूरत है। इस काल में अचानक वित्तीय हानि का सामना करना पड़ सकता है। विद्यार्थियों के लिए यह नकारात्मक प्रभाव डालेगा इसलिए विद्यार्थी को थोड़े और परिश्रम करना चाहिए, ताकि वो अपनी पिछली स्थिति बनाए रख सके।

क्या करें:

  • अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें।
  • फिजूल खर्च से बचें।
  • मन और स्वभाव को शांत रखने के लिए योग और ध्यान करे।
  • अपने परिवार और रिश्तों में समरसता और स्पष्टता बनाए रखें।
  • वाहन सावधानी से चलाएं और जोखिम से बचें।
  • मांस मदिरा के सेवन से बचे।
  • शनि को प्रसन्न करने के उपाय करे

सिंह राशि साढ़े साती के लिए शुभ उपाय:

  • शनिवार को काली उड़द, तिल या लोहे से बनी वस्तु का दान करें।
  • प्रतिदिन शनि मंत्र “ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः” का जप करे।
  • हनुमान चालीसा के साथ बजरंग बाण का पाठ करें, क्योंकि मंगल हनुमान जी के कारक हैं।
  • शनिदेव के मंदिर जाकर दीपक जलाएं।
  • 14 मुखी रुद्राक्ष धारण करे।
  • शनि रत्न नीलम को अंगूठी में धारण करे।
  • कौवों और गयो को भोजन खिलाए।
  • मांसाहार और नशे से दूर रहें।

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