Rahu Ko Kaise Thik Kare: Upay

Rahu Ko Kaise Thik Kare

हिंदू पंचांग के अनुसार, राहु काल एक विशेष समय अवधि होती है जो हर दिन और जगह के लिए अलग-अलग होती है। इस समय को अशुभ या अमंगलकारी माना जाता है। राहु काल में कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य जैसे शादी, नया व्यापार, यात्रा की शुरुआत, पूजा हवन या कोई नया काम नहीं शुरू करना चाहिए। यहां तक कि (वैदिक शास्त्रों के अनुसार) इस अवधि में घर से बाहर भी नहीं निकलना चाहिए।

हर दिन राहु काल का समय अलग अलग, लगभग 90 मिनट तक होता है , इसकी गढ़ना सूर्य के उदय और सूर्य के अस्त होने के समय के अनुसार की जाती है। चुकी एक ही दिन सूर्योदय और सूर्यास्त अलग अलग स्थान पर अलग अलग होता है इसलिए अलग अलग स्थान के लिए राहुकाल का समय अलग अलग होता है। (राहुकाल समय को ज्ञात करे।) राहु को नकारात्मकता से पूर्ण अशुभ ग्रह माना जाता है, इसीलिए इस समय में किसी भी शुभ कार्य की योजना टाल देना ही बेहतर माना जाता है क्योंकि इसकी नकारात्मक ऊर्जा कार्य में बाधा डालती है और उसे सफल होने से रोकती है।

राहु के नकारात्मक प्रभाव

राहु के अशुभ प्रभाव से व्यक्ति को मानसिक तनाव, भ्रम, आर्थिक नुकसान, रिश्तों में कलह, या स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां उत्पन्न होती है। राहु के प्रभाव से अचानक हानि, दुर्घटना जैसी स्थितियां, तथा कई बार इसकी वजह से व्यक्ति को भ्रम या गलत फैसले लेने की प्रवृत्ति भी बढ़ जाती है।

राहु को कैसे ठीक करें?

राहु एक छाया ग्रह है, जिसका हमारे जीवन में मनोवैज्ञानिक और मानसिक प्रभाव होता है। यदि कुंडली में राहु अशुभ स्थिति में हो, तो यह जीवन में बाधाएं, भ्रम, डर और असफलता जैसे प्रभाव ला सकता है। लेकिन कुछ उपायों से राहु के नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है।

1. राहु मंत्र का जाप करें

रोज़ाना “ॐ रां राहवे नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें। यह मंत्र राहु के नकारात्मक प्रभाव को कम करता है और मन को स्थिर करता है।

2. गोमेद धारण करना

ज्योतिष के अनुसार, राहु का प्रतिनिधित्व करने वाला रत्न गोमेद (Hessonite) है। इसे धारण करने से पहले किसी विशेषज्ञ से अपनी कुंडली की जाँच करवाएँ। गोमेद को सोमवार या शनिवार के दिन स्टील या चाँदी की अंगूठी में पहनना चाहिए।

3. राहु का व्रत रखे

राहु व्रत से राहु का नकारात्मक प्रभाव कम होता है, इसके लिए कम से कम 18 शनिवार को राहु का व्रत रखना चाहिए।

4. व्रत और उपवास

शनिवार के दिन नीले या काले वस्त्र धारण कर, उपवास रख कर भगवान शनि और राहु की पूजा करे। ऐसा करने से राहु की कुदृष्टि कमजोर पड़ती है।

5. उपासना

राहु से जुड़े दोषों को कम करने के लिए हनुमान जी की उपासना अत्यंत लाभकारी माना गया है। मंगलवार और शनिवार को विशेष रूप से हनुमान जी की पूजा करें।

6. शिव उपासना

कुंडली में राहु की अशुभ दशा को दूर करने के लिए भगवान शिव की उपासना करे तथा हर सोमवार और शनिवार जल और कला तिल अर्पित करे। इससे भगवान शिव की कृपा बनी रहती है और राहु का प्रकोप कम होता है।

7. वस्त्र तथा पहनावा

राहु शांत करने के लिए नीले, तथा काले वस्त्र को पहने और माथे पर चंदन का तिलक लगाए। तथा लोहे का कड़ा पहना जा सकता है।

8. सेवन

शनिवार के दिन काले तिल से बनी वस्तुओं का सेवन करे।

9. दान करें

काले, नीले वस्त्र, सरसों का तेल, लोहे की वस्तुएं और कंबल का दान करना राहु को शांत करने का एक अच्छा उपाय है। शनिवार को यह दान विशेष फल देता है।

10. मंत्र उपचार

कुछ लोग राहु के बुरे प्रभावों से बचने के लिए हनुमान चालीसा या महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करते हैं। इन मंत्रों से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और मन को शांति मिलती है।

11. कुत्ते को रोटी खिलाए

यदि आपकी कुंडली में राहु दोष हो तो बुधवार से प्रारंभ करके 7 दिन तक कुत्ते को रोटी खिलाए।

12. राहु ग्रह की शांति के लिए यंत्र स्थापित करें

घर या पूजा स्थल में राहु यंत्र स्थापित कर उसकी नियमित पूजा करें। यह राहु की शक्ति को संतुलित करता है।

13. पीपल के पेड़ की पूजा करें

शनिवार को पीपल के पेड़ की सात बार परिक्रमा करें और दीपक जलाएं। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।

राहु के प्रभाव में आने से कैसे बचे?

राहु को खुश करने तथा उनके प्रभाव से बचने के लिए निम्लिखित अग्रिम उपाय किए जा सकते है:

  • झूठ, छल-कपट और लालच से दूर रहें। राहु ऐसे स्वभाव को बढ़ावा देता है क्योंकि राहु ऐसे कर्मों से जुड़ा है। यह जीवन में अस्थिरता लाते हैं।
  • सादा भोजन और जीवनशैली अपनाएं। राहु के प्रकोप से बचने के लिए मांस-मदिरा, तामसिक भोजन से दूर रहे क्योंकि तामसी भोजन राहु को और अधिक प्रबल करता है।
  • सूर्यास्त के बाद गाय को रोटी और कुत्तों को रोटी देना शुभ माना जाता है।
  • अच्छे कर्म करें और बुजुर्गों का आशीर्वाद लें। राहु को प्रसन्न करने के लिए यह बहुत शक्तिशाली तरीका है।
  • अच्छे विचारों और सच्चाई के साथ जीवन जीना राहु को अपने पक्ष में कर सकता है।

निष्कर्ष

राहु को शांत करने के लिए सबसे ज़रूरी है संयम और सकारात्मक आचरण। उपरोक्त उपायों को विश्वास और नियमितता से करने पर धीरे-धीरे राहु के दोष कम होते हैं। हालाँकि, गंभीर समस्याओं के लिए किसी अनुभवी ज्योतिषी से सलाह लेना ही बेहतर है। याद रखें, ज्योतिषीय उपाय केवल सहायक हैं—असली बदलाव आपके अपने कर्मों से ही आएगा।

इन तरीकों को अपनाकर आप न केवल राहु के प्रभावों को संतुलित कर सकते हैं, बल्कि जीवन में सकारात्मकता और सफलता की ओर भी बढ़ सकते हैं।

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