मीन राशि साढ़े साती: 2025 से 2116 | आरंभ और समाप्ति तिथि

Kark Rashi Sade Sati

ज्योतिष के अनुसार जब शनि देव किसी भी राशि के चंद्रमा से 12वें, 1वें और 2वें भाव में गोचर करते हैं, तो यह समय “साढ़े साती” कहलाता है। साढ़े साती कुल 7 साल 6 महीने (ढाई साल × 3 चरण) का होता है। मीन राशि वालों के लिए यह काल थोड़ा कठिन माना जाता है क्योंकि मीन राशि का स्वामी वृहस्पत होता है, जो तेज, उत्साही, युवा और आवेगी ग्रह है, जबकि शनि धीमा, संयमी, वृद्ध और अनुशासन प्रिय ग्रह है। इन दोनों ग्रहों की प्रकृति एक-दूसरे से बिलकुल विपरीत होती है, जिससे यह समय कुछ चुनौतियां लेकर आता है।

इस लेख में हम मीन राशि पर साढ़े साती के तीनों चरणों को सरल भाषा में समझेंगे – कौन कौन सी चुनौतियां सामने आ सकती है, क्या क्या सावधानियां रखनी चाहिए।

मीन राशि साढ़े साती 2025 वर्तमान स्थिति

29 अप्रैल 2022 को शनि कुम्भ राशि में गोचर करेगा, तबसे मीन राशि के लिए शनि की साढ़े साती प्रारंभ होगी तथा 16 अप्रैल 2030 को समाप्त होगी। ढाई साल के लिए शनि की स्थिति मीन राशि वालों के लिए शुभ रहेगी। जिससे धन और करियर में उन्नति होगी, स्वास्थ में लाभ होगा और जीवन की सभी बाधाएं दूर होगी। जातक को शनि को खुश करने के उपाय करना चाहिए।

राशि: मीन राशि साढ़े साती 2025 से 2116

नोट: तीसरे कॉलम में शनि राशि की स्थिति को बताया गया है, जो शनि साढ़े साती के समय रहेगी।

क्रम संख्यासाढे साती/ पनौतीशनि राशिआरंभ तिथिसमाप्ति तिथिचरण
1साढ़े सातीमेषशनिवार, अप्रैल 18, 1998मंगलवार, जून 6, 2000अस्त
2छोटी पनौतीमिथुनमंगलवार, जुलाई 23, 2002बुधवार, जनवरी 8, 2003
3छोटी पनौतीमिथुनमंगलवार, अप्रैल 8, 2003रविवार, सितम्बर 5, 2004
4छोटी पनौतीमिथुनशुक्रवार, जनवरी 14, 2005बुधवार, मई 25, 2005
5छोटी पनौतीतुलामंगलवार, नवम्बर 15, 2011मंगलवार, मई 15, 2012
6छोटी पनौतीतुलाशनिवार, अगस्त 4, 2012रविवार, नवम्बर 2, 2014
7साढ़े सातीकुम्भशुक्रवार, अप्रैल 29, 2022मंगलवार, जुलाई 12, 2022उदय
8साढ़े सातीकुम्भबुधवार, जनवरी 18, 2023शनिवार, मार्च 29, 2025उदय
9साढ़े सातीमीनरविवार, मार्च 30, 2025बुधवार, जून 2, 2027शिखर
10साढ़े सातीमेषगुरुवार, जून 3, 2027मंगलवार, अक्टूबर 19, 2027अस्त
11साढ़े सातीमीनबुधवार, अक्टूबर 20, 2027बुधवार, फ़रवरी 23, 2028शिखर
12साढ़े सातीमेषगुरुवार, फ़रवरी 24, 2028मंगलवार, अगस्त 7, 2029अस्त
13साढ़े सातीमेषशनिवार, अक्टूबर 6, 2029मंगलवार, अप्रैल 16, 2030अस्त
14छोटी पनौतीमिथुनसोमवार, मई 31, 2032बुधवार, जुलाई 12, 2034
15छोटी पनौतीतुलासोमवार, जनवरी 28, 2041मंगलवार, फ़रवरी 5, 2041
16छोटी पनौतीतुलागुरुवार, सितम्बर 26, 2041शुक्रवार, दिसम्बर 11, 2043
17छोटी पनौतीतुलागुरुवार, जून 23, 2044सोमवार, अगस्त 29, 2044
18साढ़े सातीकुम्भरविवार, फ़रवरी 25, 2052गुरुवार, मई 14, 2054उदय
19साढ़े सातीमीनशुक्रवार, मई 15, 2054मंगलवार, सितम्बर 1, 2054शिखर
20साढ़े सातीकुम्भबुधवार, सितम्बर 2, 2054शुक्रवार, फ़रवरी 5, 2055उदय
21साढ़े सातीमीनशनिवार, फ़रवरी 6, 2055शुक्रवार, अप्रैल 6, 2057शिखर
22साढ़े सातीमेषशनिवार, अप्रैल 7, 2057मंगलवार, मई 27, 2059अस्त
23छोटी पनौतीमिथुनसोमवार, जुलाई 11, 2061सोमवार, फ़रवरी 13, 2062
24छोटी पनौतीमिथुनमंगलवार, मार्च 7, 2062गुरुवार, अगस्त 23, 2063
25छोटी पनौतीमिथुनबुधवार, फ़रवरी 6, 2064शुक्रवार, मई 9, 2064
26छोटी पनौतीतुलाबुधवार, नवम्बर 5, 2070रविवार, फ़रवरी 5, 2073
27छोटी पनौतीतुलाशुक्रवार, मार्च 31, 2073सोमवार, अक्टूबर 23, 2073
28साढ़े सातीकुम्भशनिवार, अप्रैल 12, 2081शनिवार, अगस्त 2, 2081उदय
29साढ़े सातीकुम्भबुधवार, जनवरी 7, 2082रविवार, मार्च 19, 2084उदय
30साढ़े सातीमीनसोमवार, मार्च 20, 2084मंगलवार, मई 21, 2086शिखर
31साढ़े सातीमेषबुधवार, मई 22, 2086शनिवार, नवम्बर 9, 2086अस्त
32साढ़े सातीमीनरविवार, नवम्बर 10, 2086शुक्रवार, फ़रवरी 7, 2087शिखर
33साढ़े सातीमेषशनिवार, फ़रवरी 8, 2087शनिवार, जुलाई 17, 2088अस्त
34साढ़े सातीमेषरविवार, अक्टूबर 31, 2088मंगलवार, अप्रैल 5, 2089अस्त
35छोटी पनौतीमिथुनमंगलवार, सितम्बर 19, 2090मंगलवार, अक्टूबर 24, 2090
36छोटी पनौतीमिथुनसोमवार, मई 21, 2091गुरुवार, जुलाई 2, 2093
37छोटी पनौतीतुलाशनिवार, दिसम्बर 26, 2099बुधवार, मार्च 17, 2100
38छोटी पनौतीतुलाशुक्रवार, सितम्बर 17, 2100शनिवार, दिसम्बर 2, 2102
39साढ़े सातीकुम्भमंगलवार, फ़रवरी 17, 2111मंगलवार, मई 2, 2113उदय
40साढ़े सातीमीनबुधवार, मई 3, 2113गुरुवार, सितम्बर 21, 2113शिखर
41साढ़े सातीकुम्भशुक्रवार, सितम्बर 22, 2113गुरुवार, जनवरी 25, 2114उदय
42साढ़े सातीमीनशुक्रवार, जनवरी 26, 2114रविवार, मार्च 29, 2116शिखर
43साढ़े सातीमेषसोमवार, मार्च 30, 2116बुधवार, मई 18, 2118अस्त

साढ़े साती का पहला चरण – उदय चरण

इस चरण में शनि आपकी चंद्र राशि से 12वें भाव में कुंभ राशि में गोचर करेगा। यह साढ़े साती का आरम्भिक चरण होता है जिसे उदय चरण भी कहते है। इस समय आपको अनावश्यक यात्राएं करनी पड़ सकती हैं, आर्थिक नुकसान और गुप्त शत्रुओं से परेशानी हो सकती है। परिवार और कार्यस्थल दोनों जगह तनाव की स्थिति बन सकती है। इस काल में आपको तनाव, डिप्रेशन, क्रोध जैसी मानसिक स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। इस ढाई साल में कभी कभी स्वस्थ संबंधी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। कुंभ राशि का स्वामी शनि होते है जो शनि के प्रति न्यूट्रल होते है, जिससे मीन राशि के लिए साढ़े साती का पहला चरण औसत साबित होता है।

क्या करें:

  • खर्चों पर नियंत्रण रखें।
  • जोखिम भरे निर्णयों से बचें।
  • मेहनत को अपना हथियार बनाएं।
  • धैर्य रखे और सही समय का इंतजार करे।
  • खाद्य पदार्थ का दान करे।

साढ़े साती का दूसरा चरण – शिखर चरण

जब शनि आपकी चंद्र राशि (पहले भाव) में गोचर करता है तो साढ़े साती का दूसरा चरण प्रारंभ होता है जिसे शिखर चरण भी कहते है। यह सबसे कठिन चरण होता है क्योंकि शनि अब आपकी जन्म राशि (मीन) में गोचर करता है। इस समय मानसिक तनाव, अवसाद, आत्मविश्वास में कमी और सेहत संबंधी परेशानियाँ सामने आती हैं। जातक को वैवाहिक जीवन या रिलेशन को बचाने के लिए भी संघर्ष करना पड़ सकता है। इस दौरान जातक पर ईर्ष्या, क्रोध जैसी भावनाएं हावी रहती है, आपका चरित्र धूमिल हो सकता है। इस चरण में शनि जन्म के चंद्रमा के साथ होता है, जो स्वास्थ और घरेलू समस्याओं को जन्म देता है। इस दौरान आपको कड़ी मेहनत का फल नहीं मिलेगा, दैनिक आय में कमी आ सकती है।

क्या करें:

  • मानसिक शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए नियमित योग और ध्यान करें।
  • स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें और व्यायाम अवश्य करे।
  • दूसरों की बातों से जल्दी आवेशित न हों।
  • इस समय धैर्य रखे और संतोषपूर्वक स्थिति को समझने की कोशिश करे।
  • शनि मंत्र का जाप या शनिवार को दान करें।
  • अपने रिलेशन के प्रति ज्यादा सचेत रहे और किसी भी गलतफहमी को बात कर सुलझाए।

साढ़े साती का तीसरा चरण – अस्त चरण

यह साढ़े साती का अंतिम चरण होगा जिससे इसे अस्त चरण भी कहते है। इस चरण में शनि जन्म के चंद्र से दूसरे भाव में यानी मेष राशि में गोचर करेगा, इस दौरान कुछ राहत जरूर मिलेगी क्योंकि मेष के स्वामी मंगल है जो शनि के मित्र हैं, जिससे ऊर्जा थोड़ी संतुलित होती है। लेकिन खर्च बढ़ सकते हैं और पारिवारिक मतभेद या गलतफहमियाँ बनी रहेंगी। यह काल खंड खतरे को भी दर्शाता है इसलिए गाड़ी चलाते वक्त विशेष सावधानी रखने की जरूरत है। इस काल में अचानक वित्तीय हानि का सामना करना पड़ सकता है। विद्यार्थियों के लिए यह नकारात्मक प्रभाव डालेगा इसलिए विद्यार्थी को थोड़े और परिश्रम करना चाहिए, ताकि वो अपनी पिछली स्थिति बनाए रख सके।

क्या करें:

  • अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें।
  • फिजूल खर्च से बचें।
  • मन और स्वभाव को शांत रखने के लिए योग और ध्यान करे।
  • अपने परिवार और रिश्तों में समरसता और स्पष्टता बनाए रखें।
  • वाहन सावधानी से चलाएं और जोखिम से बचें।
  • मांस मदिरा के सेवन से बचे।
  • शनि को प्रसन्न करने के उपाय करे।

मंगल राशि साढ़े साती के लिए शुभ उपाय:

  • शनिवार को काली उड़द, तिल या लोहे से बनी वस्तु का दान करें।
  • प्रतिदिन शनि मंत्र “ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः” का जप करे।
  • हनुमान चालीसा के साथ बजरंग बाण का पाठ करें, क्योंकि मंगल हनुमान जी के कारक हैं।
  • शनिदेव के मंदिर जाकर दीपक जलाएं।
  • 14 मुखी रुद्राक्ष धारण करे।
  • शनि रत्न नीलम को अंगूठी में धारण करे।
  • कौवों और गयो को भोजन खिलाए।
  • मांसाहार और नशे से दूर रहें।

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