कुंभ राशि साढ़े साती: 2025 से 2116 | आरंभ और समाप्ति तिथि

Shani Dev, Singh Rashi Sade Sati 2025

ज्योतिष के अनुसार जब शनि देव किसी भी राशि के चंद्रमा से 12वें, 1वें और 2वें भाव में गोचर करते हैं, तो यह समय “साढ़े साती” कहलाता है। साढ़े साती कुल 7 साल 6 महीने (ढाई साल × 3 चरण) का होता है। कुंभ राशि वालों के लिए यह काल पॉजिटिव माना जाता है, जिससे यह समय कुछ चुनौतियां लेकर आता है।

इस लेख में हम कुंभ राशि पर साढ़े साती के तीनों चरणों को सरल भाषा में समझेंगे – कौन कौन सी चुनौतियां सामने आ सकती है, क्या क्या सावधानियां रखनी चाहिए।

कुंभ राशि साढ़े साती 2025 वर्तमान स्थिति

24 जनवरी 2020 को शनि मकर राशि में गोचर करेगा, तबसे कुम्भ राशि के लिए शनि की साढ़े साती प्रारंभ होगी तथा 23 फरवरी 2028 को समाप्त होगी। ढाई साल के लिए शनि की स्थिति मेष राशि वालों के लिए शुभ रहेगी। जिससे धन और करियर में उन्नति होगी, स्वास्थ में लाभ होगा और जीवन की सभी बाधाएं दूर होगी। जातक को शनि को खुश करने के उपाय करना चाहिए।

राशि: कुंभ राशि साढ़े साती 2025 से 2116

नोट: तीसरे कॉलम में शनि राशि की स्थिति को बताया गया है, जो शनि साढ़े साती के समय रहेगी।

क्रम संख्यासाढे साती/ पनौतीशनि राशिआरंभ तिथिसमाप्ति तिथिचरण
1छोटी पनौतीवृषबुधवार, जून 7, 2000सोमवार, जुलाई 22, 2002
2छोटी पनौतीवृषगुरुवार, जनवरी 9, 2003सोमवार, अप्रैल 7, 2003
3छोटी पनौतीकन्यागुरुवार, सितम्बर 10, 2009सोमवार, नवम्बर 14, 2011
4छोटी पनौतीकन्याबुधवार, मई 16, 2012शुक्रवार, अगस्त 3, 2012
5साढ़े सातीमकरशुक्रवार, जनवरी 24, 2020गुरुवार, अप्रैल 28, 2022उदय
6साढ़े सातीकुम्भशुक्रवार, अप्रैल 29, 2022मंगलवार, जुलाई 12, 2022शिखर
7साढ़े सातीमकरबुधवार, जुलाई 13, 2022मंगलवार, जनवरी 17, 2023उदय
8साढ़े सातीकुम्भबुधवार, जनवरी 18, 2023शनिवार, मार्च 29, 2025शिखर
9साढ़े सातीमीनरविवार, मार्च 30, 2025बुधवार, जून 2, 2027अस्त
10साढ़े सातीमीनबुधवार, अक्टूबर 20, 2027बुधवार, फ़रवरी 23, 2028अस्त
11छोटी पनौतीवृषबुधवार, अगस्त 8, 2029शुक्रवार, अक्टूबर 5, 2029
12छोटी पनौतीवृषबुधवार, अप्रैल 17, 2030रविवार, मई 30, 2032
13छोटी पनौतीकन्याशनिवार, अक्टूबर 23, 2038मंगलवार, अप्रैल 5, 2039
14छोटी पनौतीकन्याबुधवार, जुलाई 13, 2039रविवार, जनवरी 27, 2041
15छोटी पनौतीकन्याबुधवार, फ़रवरी 6, 2041बुधवार, सितम्बर 25, 2041
16साढ़े सातीमकररविवार, मार्च 7, 2049शुक्रवार, जुलाई 9, 2049उदय
17साढ़े सातीमकरशनिवार, दिसम्बर 4, 2049शनिवार, फ़रवरी 24, 2052उदय
18साढ़े सातीकुम्भरविवार, फ़रवरी 25, 2052गुरुवार, मई 14, 2054शिखर
19साढ़े सातीमीनशुक्रवार, मई 15, 2054मंगलवार, सितम्बर 1, 2054अस्त
20साढ़े सातीकुम्भबुधवार, सितम्बर 2, 2054शुक्रवार, फ़रवरी 5, 2055शिखर
21साढ़े सातीमीनशनिवार, फ़रवरी 6, 2055शुक्रवार, अप्रैल 6, 2057अस्त
22छोटी पनौतीवृषबुधवार, मई 28, 2059रविवार, जुलाई 10, 2061
23छोटी पनौतीवृषमंगलवार, फ़रवरी 14, 2062सोमवार, मार्च 6, 2062
24छोटी पनौतीकन्यागुरुवार, अगस्त 30, 2068मंगलवार, नवम्बर 4, 2070
25साढ़े सातीमकररविवार, जनवरी 15, 2079शुक्रवार, अप्रैल 11, 2081उदय
26साढ़े सातीकुम्भशनिवार, अप्रैल 12, 2081शनिवार, अगस्त 2, 2081शिखर
27साढ़े सातीमकररविवार, अगस्त 3, 2081मंगलवार, जनवरी 6, 2082उदय
28साढ़े सातीकुम्भबुधवार, जनवरी 7, 2082रविवार, मार्च 19, 2084शिखर
29साढ़े सातीमीनसोमवार, मार्च 20, 2084मंगलवार, मई 21, 2086अस्त
30साढ़े सातीमीनरविवार, नवम्बर 10, 2086शुक्रवार, फ़रवरी 7, 2087अस्त
31छोटी पनौतीवृषरविवार, जुलाई 18, 2088शनिवार, अक्टूबर 30, 2088
32छोटी पनौतीवृषबुधवार, अप्रैल 6, 2089सोमवार, सितम्बर 18, 2090
33छोटी पनौतीवृषबुधवार, अक्टूबर 25, 2090रविवार, मई 20, 2091
34छोटी पनौतीकन्याशनिवार, अक्टूबर 12, 2097शुक्रवार, मई 2, 2098
35छोटी पनौतीकन्याशुक्रवार, जून 20, 2098शुक्रवार, दिसम्बर 25, 2099
36छोटी पनौतीकन्यागुरुवार, मार्च 18, 2100गुरुवार, सितम्बर 16, 2100
37साढ़े सातीमकरशनिवार, फ़रवरी 25, 2108शनिवार, जुलाई 28, 2108उदय
38साढ़े सातीमकरशुक्रवार, नवम्बर 23, 2108सोमवार, फ़रवरी 16, 2111उदय
39साढ़े सातीकुम्भमंगलवार, फ़रवरी 17, 2111मंगलवार, मई 2, 2113शिखर
40साढ़े सातीमीनबुधवार, मई 3, 2113गुरुवार, सितम्बर 21, 2113अस्त
41साढ़े सातीकुम्भशुक्रवार, सितम्बर 22, 2113गुरुवार, जनवरी 25, 2114शिखर
42साढ़े सातीमीनशुक्रवार, जनवरी 26, 2114रविवार, मार्च 29, 2116अस्त

साढ़े साती का पहला चरण – उदय चरण

इस चरण में शनि आपकी चंद्र राशि से 12वें भाव में मकर राशि में गोचर करेगा। यह साढ़े साती का आरम्भिक चरण होता है जिसे उदय चरण भी कहते है। इस समय आपको अनावश्यक यात्राएं करनी पड़ सकती हैं, आर्थिक नुकसान और गुप्त शत्रुओं से परेशानी हो सकती है। परिवार और कार्यस्थल दोनों जगह तनाव की स्थिति बन सकती है। इस काल में आपको तनाव, डिप्रेशन, क्रोध जैसी मानसिक स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। इस ढाई साल में कभी कभी स्वस्थ संबंधी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। मकर राशि का स्वामी शनि होते है जो शनि के प्रति न्यूट्रल होते है, जिससे कुंभ राशि के लिए साढ़े साती का पहला चरण औसत साबित होता है।

क्या करें:

  • खर्चों पर नियंत्रण रखें।
  • जोखिम भरे निर्णयों से बचें।
  • मेहनत को अपना हथियार बनाएं।
  • धैर्य रखे और सही समय का इंतजार करे।
  • खाद्य पदार्थ का दान करे।

साढ़े साती का दूसरा चरण – शिखर चरण

जब शनि आपकी चंद्र राशि (पहले भाव) में गोचर करता है तो साढ़े साती का दूसरा चरण प्रारंभ होता है जिसे शिखर चरण भी कहते है। यह सबसे कठिन चरण होता है क्योंकि शनि अब आपकी जन्म राशि (कुंभ) में गोचर करता है। इस समय मानसिक तनाव, अवसाद, आत्मविश्वास में कमी और सेहत संबंधी परेशानियाँ सामने आती हैं। जातक को वैवाहिक जीवन या रिलेशन को बचाने के लिए भी संघर्ष करना पड़ सकता है। इस दौरान जातक पर ईर्ष्या, क्रोध जैसी भावनाएं हावी रहती है, आपका चरित्र धूमिल हो सकता है। इस चरण में शनि जन्म के चंद्रमा के साथ होता है, जो स्वास्थ और घरेलू समस्याओं को जन्म देता है। इस दौरान आपको कड़ी मेहनत का फल नहीं मिलेगा, दैनिक आय में कमी आ सकती है।

क्या करें:

  • मानसिक शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए नियमित योग और ध्यान करें।
  • स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें और व्यायाम अवश्य करे।
  • दूसरों की बातों से जल्दी आवेशित न हों।
  • इस समय धैर्य रखे और संतोषपूर्वक स्थिति को समझने की कोशिश करे।
  • शनि मंत्र का जाप या शनिवार को दान करें।
  • अपने रिलेशन के प्रति ज्यादा सचेत रहे और किसी भी गलतफहमी को बात कर सुलझाए।

साढ़े साती का तीसरा चरण – अस्त चरण

यह साढ़े साती का अंतिम चरण होगा जिससे इसे अस्त चरण भी कहते है। इस चरण में शनि जन्म के चंद्र से दूसरे भाव में मीन राशि में गोचर करेगा, इस दौरान कुछ राहत जरूर मिलेगी क्योंकि मीन के स्वामी वृहस्पत है जो शनि के मित्र हैं, जिससे ऊर्जा थोड़ी संतुलित होती है। लेकिन खर्च बढ़ सकते हैं और पारिवारिक मतभेद या गलतफहमियाँ बनी रहेंगी। यह काल खंड खतरे को भी दर्शाता है इसलिए गाड़ी चलाते वक्त विशेष सावधानी रखने की जरूरत है। इस काल में अचानक वित्तीय हानि का सामना करना पड़ सकता है। विद्यार्थियों के लिए यह नकारात्मक प्रभाव डालेगा इसलिए विद्यार्थी को थोड़े और परिश्रम करना चाहिए, ताकि वो अपनी पिछली स्थिति बनाए रख सके।

क्या करें:

  • अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें।
  • फिजूल खर्च से बचें।
  • मन और स्वभाव को शांत रखने के लिए योग और ध्यान करे।
  • अपने परिवार और रिश्तों में समरसता और स्पष्टता बनाए रखें।
  • वाहन सावधानी से चलाएं और जोखिम से बचें।
  • मांस मदिरा के सेवन से बचे।
  • शनि को प्रसन्न करने के उपाय करे।

कुंभ राशि साढ़े साती के लिए शुभ उपाय:

  • शनिवार को काली उड़द, तिल या लोहे से बनी वस्तु का दान करें।
  • प्रतिदिन शनि मंत्र “ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः” का जप करे।
  • हनुमान चालीसा के साथ बजरंग बाण का पाठ करें, क्योंकि मंगल हनुमान जी के कारक हैं।
  • शनिदेव के मंदिर जाकर दीपक जलाएं।
  • 14 मुखी रुद्राक्ष धारण करे।
  • शनि रत्न नीलम को अंगूठी में धारण करे।
  • कौवों और गयो को भोजन खिलाए।
  • मांसाहार और नशे से दूर रहें।

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