
बजरंग बाण (Bajrang Baan) एक अत्यंत शक्तिशाली और प्रभावशाली स्तोत्र है, जो भगवान हनुमान जी की स्तुति करता है। इसे विशेष रूप से संकटों और बाधाओं से मुक्ति पाने के लिए पढ़ा जाता है। “बजरंग बाण” उस अमोघ बाण की तरह है जो कभी नहीं चूकता। यह नियमित पाठ करने वाले व्यक्ति के जीवन में आने वाली सभी कठिनाइयों, कष्टों, दरिद्रता, भय, और नकारात्मक शक्तियों का नाश करता है।
इस स्तोत्र में भगवान हनुमान की शक्ति, वीरता, और कृपा का वर्णन किया गया है। यह पाठ आत्मविश्वास बढ़ाता है और मानसिक शांति देता है। इसे पढ़ने से डर, दु:स्वप्न, और अनजानी बाधाओं से रक्षा होती है। बजरंग बाण का नियमित पाठ करने से कुंडली में ग्रह दोष, विवाह, व्यवसाय में आने वाली बाधाएं दूर हो जाती है।
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बजरंग बाण का पाठ कैसे करें?
बजरंग बाण का पाठ करने के लिए कुछ विशेष नियम नहीं हैं, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखने से इसका प्रभाव और अधिक बढ़ सकता है:
- सबसे पहले स्नान करके साफ वस्त्र धारण करे।
- शांत स्थान जैसे पूजा स्थल या मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर के सामने बैठें।
- दीप, धूप, और अगरबत्ती जलाए।
- शुद्ध मन और निष्ठा से पाठ करें।
- श्रीराम का स्मरण अवश्य करें।
- मंगलवार और शनिवार को पाठ करना विशेष फलदायी माना जाता है।
- पाठ के बाद हनुमान जी को गुड़ और चने का भोग लगाएं।
बजरंग बाण लिरिक्स (Bajrang Baan Lyrics in Hindi)
नीचे बजरंग बाण का पूरा पाठ प्रस्तुत है:
|| श्री बजरंग बाण ||
॥ दोहा ॥
निश्चय प्रेम प्रतीति ते,
बिनय करै सनमान।
तेहि के कारज सकल शुभ,
सिद्ध करै हनुमान॥
॥ चौपाई ॥
जय हनुमन्त सन्त हितकारी।
सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी॥
जन के काज विलम्ब न कीजै।
आतुर दौरि महा सुख दीजै॥
जैसे कूदि सिन्धु वहि पारा।
सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥
आगे जाय लंकिनी रोका।
मारेहु लात गई सुर लोका॥
जाय विभीषण को सुख दीन्हा।
सीता निरखि परम पद लीन्हा॥
बाग उजारि सिन्धु महं बोरा।
अति आतुर यम कातर तोरा॥
अक्षय कुमार मारि संहारा।
लूम लपेटि लंक को जारा॥
लाह समान लंक जरि गई।
जय जय धुनि सुर पुर महं भई॥
अब विलम्ब केहि कारण स्वामी।
कृपा करहुं उर अन्तर्यामी॥
जय जय लक्ष्मण प्राण के दाता।
आतुर होइ दुःख करहुं निपाता॥
जय गिरिधर जय जय सुख सागर।
सुर समूह समरथ भटनागर॥
ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमन्त हठीले।
बैरिहिं मारू बज्र की कीले॥
गदा बज्र लै बैरिहिं मारो।
महाराज प्रभु दास उबारो॥
ॐकार हुंकार महाप्रभु धावो।
बज्र गदा हनु विलम्ब न लावो॥
ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं हनुमन्त कपीसा।
ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर शीशा॥
सत्य होउ हरि शपथ पायके।
रामदूत धरु मारु धाय के॥
जय जय जय हनुमन्त अगाधा।
दुःख पावत जन केहि अपराधा॥
पूजा जप तप नेम अचारा।
नहिं जानत कछु दास तुम्हारा॥
वन उपवन मग गिरि गृह माहीं।
तुमरे बल हम डरपत नाहीं॥
पाय परौं कर जोरि मनावों।
यह अवसर अब केहि गोहरावों॥
जय अंजनि कुमार बलवन्ता।
शंकर सुवन धीर हनुमन्ता॥
बदन कराल काल कुल घालक।
राम सहाय सदा प्रतिपालक॥
भूत प्रेत पिशाच निशाचर।
अग्नि बैताल काल मारीमर॥
इन्हें मारु तोहि शपथ राम की।
राखु नाथ मरजाद नाम की॥
जनकसुता हरि दास कहावो।
ताकी शपथ विलम्ब न लावो॥
जय जय जय धुनि होत अकाशा।
सुमिरत होत दुसह दुःख नाशा॥
चरण शरण करि जोरि मनावों।
यहि अवसर अब केहि गोहरावों॥
उठु उठु चलु तोहिं राम दुहाई।
पांय परौं कर जोरि मनाई॥
ॐ चं चं चं चं चपल चलन्ता।
ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमन्ता॥
ॐ हं हं हांक देत कपि चञ्चल।
ॐ सं सं सहम पराने खल दल॥
अपने जन को तुरत उबारो।
सुमिरत होय आनन्द हमारो॥
यहि बजरंग बाण जेहि मारो।
ताहि कहो फिर कौन उबारो॥
पाठ करै बजरंग बाण की।
हनुमत रक्षा करै प्राण की॥
यह बजरंग बाण जो जापै।
तेहि ते भूत प्रेत सब कांपे॥
धूप देय अरु जपै हमेशा।
ताके तन नहिं रहे कलेशा॥
॥ दोहा ॥
प्रेम प्रतीतिहिं कपि भजै,
सदा धरै उर ध्यान।
तेहि के कारज सकल शुभ,
सिद्ध करै हनुमान॥
॥ इति श्री बजरंग बाण सम्पूर्णम् ॥
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बजरंग बाण के लाभ (Bajrang Baan Benefits):
- संकटों से मुक्ति: इसे पढ़ने से जीवन के कष्ट, डर और रुकावटें दूर होती हैं।
- नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा: यह पाठ बुरी शक्तियों और नजर दोष से बचाता है।
- मानसिक शांति और आत्मबल: व्यक्ति को साहस, आत्मविश्वास और शांति प्राप्त होती है।
- कानूनी और पारिवारिक विवाद में सहायता: कोर्ट-कचहरी या पारिवारिक कलह में विजय मिलती है।
- बीमारियों से छुटकारा: कई लोग इसे स्वास्थ्य लाभ के लिए भी पढ़ते हैं।
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1. Bajrang Baan किसने लिखा?
Ans: बजरंग बाण की रचना तुलसीदास जी ने की थी, जो रामचरितमानस के रचयिता भी हैं।
2. Bajrang Baan कितनी बार पढ़ना चाहिए?
Ans: बजरंग बाण का पाठ रोजाना किया जा सकता है। मंगलवार और शनिवार को इसका पाठ अति शुभ माना जाता है। बजरंग बाण का पाठ 11 बार, 21 बार, या 108 बार करना चाहिए।
3. Bajrang Baan लड़कियां पढ़ सकती है?
Ans: हाँ, बजरंग बाण का पाठ श्रद्धा पूर्वक महिलाएं (लड़कियाँ) अथवा पुरुष कोई भी कर सकता है।