कर्क राशि साढ़े साती: 2025 से 2116 | आरंभ और समाप्ति तिथि

ज्योतिष के अनुसार जब शनि देव किसी भी राशि के चंद्रमा से 12वें, 1वें और 2वें भाव में गोचर करते हैं, तो यह समय “साढ़े साती” कहलाता है। साढ़े साती कुल 7 साल 6 महीने (ढाई साल × 3 चरण) का होता है। कर्क राशि वालों के लिए यह काल थोड़ा कठिन माना जाता है क्योंकि कर्क का स्वामी ग्रग चंद्रमा है, जो तेज, उत्साही, युवा और आवेगी ग्रह है, जबकि शनि धीमा, संयमी, वृद्ध और अनुशासन प्रिय ग्रह है। इन दोनों ग्रहों की प्रकृति एक-दूसरे से बिलकुल विपरीत होती है, जिससे यह समय कुछ चुनौतियां लेकर आता है।

इस लेख में हम कर्क राशि पर साढ़े साती के तीनों चरणों को सरल भाषा में समझेंगे – कौन कौन सी चुनौतियां सामने आ सकती है, क्या क्या सावधानियां रखनी चाहिए।

कर्क राशि साढ़े साती 2025 वर्तमान स्थिति

31 मई 2032 को शनि मिथुन राशि में गोचर करेगा, तबसे कर्क राशि के लिए शनि की साढ़े साती प्रारंभ होगी तथा 30 जून 2034 को समाप्त होगी। ढाई साल के लिए शनि की स्थिति कर्क राशि वालों के लिए शुभ रहेगी। जिससे धन और करियर में उन्नति होगी, स्वास्थ में लाभ होगा और जीवन की सभी बाधाएं दूर होगी। जातक को शनि को खुश करने के उपाय करना चाहिए।

राशि: कर्क राशि साढ़े साती 2025 से 2116

नोट: तीसरे कॉलम में शनि राशि की स्थिति को बताया गया है, जो शनि साढ़े साती के समय रहेगी।

क्रम संख्यासाढे साती/ पनौतीशनि राशिआरंभ तिथिसमाप्ति तिथिचरण
1साढ़े सातीमिथुनमंगलवार, जुलाई 23, 2002बुधवार, जनवरी 8, 2003उदय
2साढ़े सातीमिथुनमंगलवार, अप्रैल 8, 2003रविवार, सितम्बर 5, 2004उदय
3साढ़े सातीकर्कसोमवार, सितम्बर 6, 2004गुरुवार, जनवरी 13, 2005शिखर
4साढ़े सातीमिथुनशुक्रवार, जनवरी 14, 2005बुधवार, मई 25, 2005उदय
5साढ़े सातीकर्कगुरुवार, मई 26, 2005मंगलवार, अक्टूबर 31, 2006शिखर
6साढ़े सातीसिंहबुधवार, नवम्बर 1, 2006बुधवार, जनवरी 10, 2007अस्त
7साढ़े सातीकर्कगुरुवार, जनवरी 11, 2007रविवार, जुलाई 15, 2007शिखर
8साढ़े सातीसिंहसोमवार, जुलाई 16, 2007बुधवार, सितम्बर 9, 2009अस्त
9छोटी पनौतीतुलामंगलवार, नवम्बर 15, 2011मंगलवार, मई 15, 2012
10छोटी पनौतीतुलाशनिवार, अगस्त 4, 2012रविवार, नवम्बर 2, 2014
11छोटी पनौतीकुम्भशुक्रवार, अप्रैल 29, 2022मंगलवार, जुलाई 12, 2022
12छोटी पनौतीकुम्भबुधवार, जनवरी 18, 2023शनिवार, मार्च 29, 2025
13साढ़े सातीमिथुनसोमवार, मई 31, 2032बुधवार, जुलाई 12, 2034उदय
14साढ़े सातीकर्कगुरुवार, जुलाई 13, 2034बुधवार, अगस्त 27, 2036शिखर
15साढ़े सातीसिंहगुरुवार, अगस्त 28, 2036शुक्रवार, अक्टूबर 22, 2038अस्त
16साढ़े सातीसिंहबुधवार, अप्रैल 6, 2039मंगलवार, जुलाई 12, 2039अस्त
17छोटी पनौतीतुलासोमवार, जनवरी 28, 2041मंगलवार, फ़रवरी 5, 2041
18छोटी पनौतीतुलागुरुवार, सितम्बर 26, 2041शुक्रवार, दिसम्बर 11, 2043
19छोटी पनौतीतुलागुरुवार, जून 23, 2044सोमवार, अगस्त 29, 2044
20छोटी पनौतीकुम्भरविवार, फ़रवरी 25, 2052गुरुवार, मई 14, 2054
21छोटी पनौतीकुम्भबुधवार, सितम्बर 2, 2054शुक्रवार, फ़रवरी 5, 2055
22साढ़े सातीमिथुनसोमवार, जुलाई 11, 2061सोमवार, फ़रवरी 13, 2062उदय
23साढ़े सातीमिथुनमंगलवार, मार्च 7, 2062गुरुवार, अगस्त 23, 2063उदय
24साढ़े सातीकर्कशुक्रवार, अगस्त 24, 2063मंगलवार, फ़रवरी 5, 2064शिखर
25साढ़े सातीमिथुनबुधवार, फ़रवरी 6, 2064शुक्रवार, मई 9, 2064उदय
26साढ़े सातीकर्कशनिवार, मई 10, 2064सोमवार, अक्टूबर 12, 2065शिखर
27साढ़े सातीसिंहमंगलवार, अक्टूबर 13, 2065बुधवार, फ़रवरी 3, 2066अस्त
28साढ़े सातीकर्कगुरुवार, फ़रवरी 4, 2066शुक्रवार, जुलाई 2, 2066शिखर
29साढ़े सातीसिंहशनिवार, जुलाई 3, 2066बुधवार, अगस्त 29, 2068अस्त
30छोटी पनौतीतुलाबुधवार, नवम्बर 5, 2070रविवार, फ़रवरी 5, 2073
31छोटी पनौतीतुलाशुक्रवार, मार्च 31, 2073सोमवार, अक्टूबर 23, 2073
32छोटी पनौतीकुम्भशनिवार, अप्रैल 12, 2081शनिवार, अगस्त 2, 2081
33छोटी पनौतीकुम्भबुधवार, जनवरी 7, 2082रविवार, मार्च 19, 2084
34साढ़े सातीमिथुनमंगलवार, सितम्बर 19, 2090मंगलवार, अक्टूबर 24, 2090उदय
35साढ़े सातीमिथुनसोमवार, मई 21, 2091गुरुवार, जुलाई 2, 2093उदय
36साढ़े सातीकर्कशुक्रवार, जुलाई 3, 2093गुरुवार, अगस्त 18, 2095शिखर
37साढ़े सातीसिंहशुक्रवार, अगस्त 19, 2095शुक्रवार, अक्टूबर 11, 2097अस्त
38साढ़े सातीसिंहशनिवार, मई 3, 2098गुरुवार, जून 19, 2098अस्त
39छोटी पनौतीतुलाशनिवार, दिसम्बर 26, 2099बुधवार, मार्च 17, 2100
40छोटी पनौतीतुलाशुक्रवार, सितम्बर 17, 2100शनिवार, दिसम्बर 2, 2102
41छोटी पनौतीकुम्भमंगलवार, फ़रवरी 17, 2111मंगलवार, मई 2, 2113
42छोटी पनौतीकुम्भशुक्रवार, सितम्बर 22, 2113गुरुवार, जनवरी 25, 2114

साढ़े साती का पहला चरण – उदय चरण

इस चरण में शनि आपकी चंद्र राशि से 12वें भाव में मिथुन राशि में गोचर करेगा। यह साढ़े साती का आरम्भिक चरण होता है जिसे उदय चरण भी कहते है। इस समय आपको अनावश्यक यात्राएं करनी पड़ सकती हैं, आर्थिक नुकसान और गुप्त शत्रुओं से परेशानी हो सकती है। परिवार और कार्यस्थल दोनों जगह तनाव की स्थिति बन सकती है। इस काल में आपको तनाव, डिप्रेशन, क्रोध जैसी मानसिक स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। इस ढाई साल में कभी कभी स्वस्थ संबंधी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। मिथुन राशि का स्वामी बुध होते है जो शनि के प्रति न्यूट्रल होते है, जिससे कर्क राशि के लिए साढ़े साती का पहला चरण औसत साबित होता है।

क्या करें:

  • खर्चों पर नियंत्रण रखें।
  • जोखिम भरे निर्णयों से बचें।
  • मेहनत को अपना हथियार बनाएं।
  • धैर्य रखे और सही समय का इंतजार करे।
  • खाद्य पदार्थ का दान करे।

साढ़े साती का दूसरा चरण – शिखर चरण

जब शनि आपकी चंद्र राशि (पहले भाव) में गोचर करता है तो साढ़े साती का दूसरा चरण प्रारंभ होता है जिसे शिखर चरण भी कहते है। यह सबसे कठिन चरण होता है क्योंकि शनि अब आपकी जन्म राशि (कर्क) में गोचर करता है। इस समय मानसिक तनाव, अवसाद, आत्मविश्वास में कमी और सेहत संबंधी परेशानियाँ सामने आती हैं। जातक को वैवाहिक जीवन या रिलेशन को बचाने के लिए भी संघर्ष करना पड़ सकता है। इस दौरान जातक पर ईर्ष्या, क्रोध जैसी भावनाएं हावी रहती है, आपका चरित्र धूमिल हो सकता है। इस चरण में शनि जन्म के चंद्रमा के साथ होता है, जो स्वास्थ और घरेलू समस्याओं को जन्म देता है। इस दौरान आपको कड़ी मेहनत का फल नहीं मिलेगा, दैनिक आय में कमी आ सकती है।

क्या करें:

  • मानसिक शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए नियमित योग और ध्यान करें।
  • स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें और व्यायाम अवश्य करे।
  • दूसरों की बातों से जल्दी आवेशित न हों।
  • इस समय धैर्य रखे और संतोषपूर्वक स्थिति को समझने की कोशिश करे।
  • शनि मंत्र का जाप या शनिवार को दान करें।
  • अपने रिलेशन के प्रति ज्यादा सचेत रहे और किसी भी गलतफहमी को बात कर सुलझाए।

साढ़े साती का तीसरा चरण – अस्त चरण

यह साढ़े साती का अंतिम चरण होगा जिससे इसे अस्त चरण भी कहते है। इस चरण में शनि जन्म के चंद्र से दूसरे भाव में यानी सिंह राशि में गोचर करेगा, इस दौरान कुछ राहत जरूर मिलेगी क्योंकि सिंह के स्वामी सूर्य है जो शनि के मित्र हैं, जिससे ऊर्जा थोड़ी संतुलित होती है। लेकिन खर्च बढ़ सकते हैं और पारिवारिक मतभेद या गलतफहमियाँ बनी रहेंगी। यह काल खंड खतरे को भी दर्शाता है इसलिए गाड़ी चलाते वक्त विशेष सावधानी रखने की जरूरत है। इस काल में अचानक वित्तीय हानि का सामना करना पड़ सकता है। विद्यार्थियों के लिए यह नकारात्मक प्रभाव डालेगा इसलिए विद्यार्थी को थोड़े और परिश्रम करना चाहिए, ताकि वो अपनी पिछली स्थिति बनाए रख सके।

क्या करें:

  • अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें।
  • फिजूल खर्च से बचें।
  • मन और स्वभाव को शांत रखने के लिए योग और ध्यान करे।
  • अपने परिवार और रिश्तों में समरसता और स्पष्टता बनाए रखें।
  • वाहन सावधानी से चलाएं और जोखिम से बचें।
  • मांस मदिरा के सेवन से बचे।
  • शनि को प्रसन्न करने के उपाय करे।

कर्क राशि साढ़े साती के लिए शुभ उपाय:

  • शनिवार को काली उड़द, तिल या लोहे से बनी वस्तु का दान करें।
  • प्रतिदिन शनि मंत्र “ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः” का जप करे।
  • हनुमान चालीसा के साथ बजरंग बाण का पाठ करें, क्योंकि मंगल हनुमान जी के कारक हैं।
  • शनिदेव के मंदिर जाकर दीपक जलाएं।
  • 14 मुखी रुद्राक्ष धारण करे।
  • शनि रत्न नीलम को अंगूठी में धारण करे।
  • कौवों और गयो को भोजन खिलाए।
  • मांसाहार और नशे से दूर रहें।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top