धनु राशि साढ़े साती: 2025 से 2116 | आरंभ और समाप्ति तिथि

Tula Rashi Sade Sati

ज्योतिष के अनुसार जब शनि देव किसी भी राशि के चंद्रमा से 12वें, 1वें और 2वें भाव में गोचर करते हैं, तो यह समय “साढ़े साती” कहलाता है। साढ़े साती कुल 7 साल 6 महीने (ढाई साल × 3 चरण) का होता है। धनु राशि वालों के लिए यह काल थोड़ा कठिन माना जाता है क्योंकि धनु का स्वामी वृहस्पत होता है, जो तेज, उत्साही, युवा और आवेगी ग्रह है, जबकि शनि धीमा, संयमी, वृद्ध और अनुशासन प्रिय ग्रह है। इन दोनों ग्रहों की प्रकृति एक-दूसरे से बिलकुल विपरीत होती है, जिससे यह समय कुछ चुनौतियां लेकर आता है।

इस लेख में हम धनु राशि पर साढ़े साती के तीनों चरणों को सरल भाषा में समझेंगे – कौन कौन सी चुनौतियां सामने आ सकती है, क्या क्या सावधानियां रखनी चाहिए।

धनु राशि साढ़े साती 2025 वर्तमान स्थिति

12 दिसम्बर 2043 को शनि वृश्चिक राशि में गोचर करेगा, तबसे धनु राशि के लिए शनि की साढ़े साती प्रारंभ होगी तथा 24 फरवरी 2052 को समाप्त होगी। ढाई साल के लिए शनि की स्थिति मेष राशि वालों के लिए शुभ रहेगी। जिससे धन और करियर में उन्नति होगी, स्वास्थ में लाभ होगा और जीवन की सभी बाधाएं दूर होगी। जातक को शनि को खुश करने के उपाय करना चाहिए।

राशि: धनु राशि साढ़े साती 2025 से 2116

नोट: तीसरे कॉलम में शनि राशि की स्थिति को बताया गया है, जो शनि साढ़े साती के समय रहेगी।

क्रम संख्यासाढे साती/ पनौतीशनि राशिआरंभ तिथिसमाप्ति तिथिचरण
1छोटी पनौतीकर्कसोमवार, सितम्बर 6, 2004गुरुवार, जनवरी 13, 2005
2छोटी पनौतीकर्कगुरुवार, मई 26, 2005मंगलवार, अक्टूबर 31, 2006
3छोटी पनौतीकर्कगुरुवार, जनवरी 11, 2007रविवार, जुलाई 15, 2007
4साढ़े सातीवृश्चिकसोमवार, नवम्बर 3, 2014गुरुवार, जनवरी 26, 2017उदय
5साढ़े सातीधनुशुक्रवार, जनवरी 27, 2017मंगलवार, जून 20, 2017शिखर
6साढ़े सातीवृश्चिकबुधवार, जून 21, 2017गुरुवार, अक्टूबर 26, 2017उदय
7साढ़े सातीधनुशुक्रवार, अक्टूबर 27, 2017गुरुवार, जनवरी 23, 2020शिखर
8साढ़े सातीमकरशुक्रवार, जनवरी 24, 2020गुरुवार, अप्रैल 28, 2022अस्त
9साढ़े सातीमकरबुधवार, जुलाई 13, 2022मंगलवार, जनवरी 17, 2023अस्त
10छोटी पनौतीमीनरविवार, मार्च 30, 2025बुधवार, जून 2, 2027
11छोटी पनौतीमीनबुधवार, अक्टूबर 20, 2027बुधवार, फ़रवरी 23, 2028
12छोटी पनौतीकर्कगुरुवार, जुलाई 13, 2034बुधवार, अगस्त 27, 2036
13साढ़े सातीवृश्चिकशनिवार, दिसम्बर 12, 2043बुधवार, जून 22, 2044उदय
14साढ़े सातीवृश्चिकमंगलवार, अगस्त 30, 2044शुक्रवार, दिसम्बर 7, 2046उदय
15साढ़े सातीधनुशनिवार, दिसम्बर 8, 2046शनिवार, मार्च 6, 2049शिखर
16साढ़े सातीमकररविवार, मार्च 7, 2049शुक्रवार, जुलाई 9, 2049अस्त
17साढ़े सातीधनुशनिवार, जुलाई 10, 2049शुक्रवार, दिसम्बर 3, 2049शिखर
18साढ़े सातीमकरशनिवार, दिसम्बर 4, 2049शनिवार, फ़रवरी 24, 2052अस्त
19छोटी पनौतीमीनशुक्रवार, मई 15, 2054मंगलवार, सितम्बर 1, 2054
20छोटी पनौतीमीनशनिवार, फ़रवरी 6, 2055शुक्रवार, अप्रैल 6, 2057
21छोटी पनौतीकर्कशुक्रवार, अगस्त 24, 2063मंगलवार, फ़रवरी 5, 2064
22छोटी पनौतीकर्कशनिवार, मई 10, 2064सोमवार, अक्टूबर 12, 2065
23छोटी पनौतीकर्कगुरुवार, फ़रवरी 4, 2066शुक्रवार, जुलाई 2, 2066
24साढ़े सातीवृश्चिकसोमवार, फ़रवरी 6, 2073गुरुवार, मार्च 30, 2073उदय
25साढ़े सातीवृश्चिकमंगलवार, अक्टूबर 24, 2073गुरुवार, जनवरी 16, 2076उदय
26साढ़े सातीधनुशुक्रवार, जनवरी 17, 2076शुक्रवार, जुलाई 10, 2076शिखर
27साढ़े सातीवृश्चिकशनिवार, जुलाई 11, 2076रविवार, अक्टूबर 11, 2076उदय
28साढ़े सातीधनुसोमवार, अक्टूबर 12, 2076शनिवार, जनवरी 14, 2079शिखर
29साढ़े सातीमकररविवार, जनवरी 15, 2079शुक्रवार, अप्रैल 11, 2081अस्त
30साढ़े सातीमकररविवार, अगस्त 3, 2081मंगलवार, जनवरी 6, 2082अस्त
31छोटी पनौतीमीनसोमवार, मार्च 20, 2084मंगलवार, मई 21, 2086
32छोटी पनौतीमीनरविवार, नवम्बर 10, 2086शुक्रवार, फ़रवरी 7, 2087
33छोटी पनौतीकर्कशुक्रवार, जुलाई 3, 2093गुरुवार, अगस्त 18, 2095
34साढ़े सातीवृश्चिकरविवार, दिसम्बर 3, 2102रविवार, नवम्बर 29, 2105उदय
35साढ़े सातीधनुसोमवार, नवम्बर 30, 2105शुक्रवार, फ़रवरी 24, 2108शिखर
36साढ़े सातीमकरशनिवार, फ़रवरी 25, 2108शनिवार, जुलाई 28, 2108अस्त
37साढ़े सातीधनुरविवार, जुलाई 29, 2108गुरुवार, नवम्बर 22, 2108शिखर
38साढ़े सातीमकरशुक्रवार, नवम्बर 23, 2108सोमवार, फ़रवरी 16, 2111अस्त
39छोटी पनौतीमीनबुधवार, मई 3, 2113गुरुवार, सितम्बर 21, 2113
40छोटी पनौतीमीनशुक्रवार, जनवरी 26, 2114रविवार, मार्च 29, 2116

साढ़े साती का पहला चरण – उदय चरण

इस चरण में शनि आपकी चंद्र राशि से 12वें भाव में वृश्चिक राशि में गोचर करेगा। यह साढ़े साती का आरम्भिक चरण होता है जिसे उदय चरण भी कहते है। इस समय आपको अनावश्यक यात्राएं करनी पड़ सकती हैं, आर्थिक नुकसान और गुप्त शत्रुओं से परेशानी हो सकती है। परिवार और कार्यस्थल दोनों जगह तनाव की स्थिति बन सकती है। इस काल में आपको तनाव, डिप्रेशन, क्रोध जैसी मानसिक स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। इस ढाई साल में कभी कभी स्वस्थ संबंधी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल होते है जो शनि के प्रति न्यूट्रल होते है, जिससे धनु राशि के लिए साढ़े साती का पहला चरण औसत साबित होता है।

क्या करें:

  • खर्चों पर नियंत्रण रखें।
  • जोखिम भरे निर्णयों से बचें।
  • मेहनत को अपना हथियार बनाएं।
  • धैर्य रखे और सही समय का इंतजार करे।
  • खाद्य पदार्थ का दान करे।

साढ़े साती का दूसरा चरण – शिखर चरण

जब शनि आपकी चंद्र राशि (पहले भाव) में गोचर करता है तो साढ़े साती का दूसरा चरण प्रारंभ होता है जिसे शिखर चरण भी कहते है। यह सबसे कठिन चरण होता है क्योंकि शनि अब आपकी जन्म राशि (धनु) में गोचर करता है। इस समय मानसिक तनाव, अवसाद, आत्मविश्वास में कमी और सेहत संबंधी परेशानियाँ सामने आती हैं। जातक को वैवाहिक जीवन या रिलेशन को बचाने के लिए भी संघर्ष करना पड़ सकता है। इस दौरान जातक पर ईर्ष्या, क्रोध जैसी भावनाएं हावी रहती है, आपका चरित्र धूमिल हो सकता है। इस चरण में शनि जन्म के चंद्रमा के साथ होता है, जो स्वास्थ और घरेलू समस्याओं को जन्म देता है। इस दौरान आपको कड़ी मेहनत का फल नहीं मिलेगा, दैनिक आय में कमी आ सकती है।

क्या करें:

  • मानसिक शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए नियमित योग और ध्यान करें।
  • स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें और व्यायाम अवश्य करे।
  • दूसरों की बातों से जल्दी आवेशित न हों।
  • इस समय धैर्य रखे और संतोषपूर्वक स्थिति को समझने की कोशिश करे।
  • शनि मंत्र का जाप या शनिवार को दान करें।
  • अपने रिलेशन के प्रति ज्यादा सचेत रहे और किसी भी गलतफहमी को बात कर सुलझाए।

साढ़े साती का तीसरा चरण – अस्त चरण

यह साढ़े साती का अंतिम चरण होगा जिससे इसे अस्त चरण भी कहते है। इस चरण में शनि जन्म के चंद्र से दूसरे भाव में यानी मकर राशि में गोचर करेगा, इस दौरान कुछ राहत जरूर मिलेगी क्योंकि मकर के स्वामी शनि है जो शनि के मित्र हैं, जिससे ऊर्जा थोड़ी संतुलित होती है। लेकिन खर्च बढ़ सकते हैं और पारिवारिक मतभेद या गलतफहमियाँ बनी रहेंगी। यह काल खंड खतरे को भी दर्शाता है इसलिए गाड़ी चलाते वक्त विशेष सावधानी रखने की जरूरत है। इस काल में अचानक वित्तीय हानि का सामना करना पड़ सकता है। विद्यार्थियों के लिए यह नकारात्मक प्रभाव डालेगा इसलिए विद्यार्थी को थोड़े और परिश्रम करना चाहिए, ताकि वो अपनी पिछली स्थिति बनाए रख सके।

क्या करें:

  • अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें।
  • फिजूल खर्च से बचें।
  • मन और स्वभाव को शांत रखने के लिए योग और ध्यान करे।
  • अपने परिवार और रिश्तों में समरसता और स्पष्टता बनाए रखें।
  • वाहन सावधानी से चलाएं और जोखिम से बचें।
  • मांस मदिरा के सेवन से बचे।
  • शनि को प्रसन्न करने के उपाय करे।

धनु राशि साढ़े साती के लिए शुभ उपाय:

  • शनिवार को काली उड़द, तिल या लोहे से बनी वस्तु का दान करें।
  • प्रतिदिन शनि मंत्र “ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः” का जप करे।
  • हनुमान चालीसा के साथ बजरंग बाण का पाठ करें, क्योंकि मंगल हनुमान जी के कारक हैं।
  • शनिदेव के मंदिर जाकर दीपक जलाएं।
  • 14 मुखी रुद्राक्ष धारण करे।
  • शनि रत्न नीलम को अंगूठी में धारण करे।
  • कौवों और गयो को भोजन खिलाए।
  • मांसाहार और नशे से दूर रहें।

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